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मिस्र अरब गणराज्य के राष्ट्रपति महामहिम डॉ. मोहम्मद मोर्सी के सम्मान में आयोजित राज-भोज में माननीय राष्ट्रपति जी का अभिभाषण

महामहिम राष्ट्रपति मोहम्मद मोर्सी, मिस्र अरब गणराज्य के राष्ट्रपति,

श्री हामिद अंसारी, भारत के उप राष्ट्रपति,

डॉ. मनमोहन सिंह, भारत के प्रधानमंत्री,

देवियो और सज्जनो,

महामहिम, भारत की प्रथम राजकीय यात्रा करने पर मुझे आपका और आपके शिष्टमंडल के विशिष्ट सदस्यों का स्वागत करके अत्यंत प्रसन्नता हो रही है। मिस्र के लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित राष्ट्रपति के रूप में, आज यहां आपकी उपस्थिति विशेष रूप से उल्लेखनीय है।

दिल्ली विश्वविद्यालय के 90वें दीक्षांत समारोह के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण

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दिल्ली विश्वविद्यालय के 90वें दीक्षांत समारोह में उपस्थित होना वास्तव में मेरे लिए गौरवपूर्ण है। मैं, इस दीक्षांत समारोह मंा आकर सम्मानित अनुभव कर रहा हूं क्योंकि पूर्व में पंडित जवाहरलाल नेहरू और डॉ. एस. राधाकृष्णन जैसे भारत के कुछ महानतम नेता इसमें मुख्य अतिथि रह चुके हैं।

राजकीय टी डी मेडिकल कॉलेज के स्वर्ण जयंती समारोहों के उद्घाटन के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण

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सबसे पहले मैं उन सभी युवा और उदीयमान वैज्ञानिकों तथा इंस्पायर पुरस्कार विजेताओं को बधाई देता हूं जो देश के विभिन्न स्थानों से यहां आए हैं। प्यारे युवा विद्यार्थियो, मैं आप में भारत का भविष्य देखता हूं, यह निश्चित है कि भावी भारत का स्वरूप देश के युवाओं द्वारा निर्धारित होगा। विज्ञान और प्रौद्योगिकी तथा नवान्वेषण विकास की नई इबारत लिखेंगे।

राष्ट्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम पुरस्कार प्रदान करने के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण

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मुझे आज राष्ट्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम पुरस्कारों को प्रदान करने के मौके पर यहां आकर प्रसन्नता हो रही है, जो भारत में व्यवसायिक पुरस्कारों का एक महत्त्वपूर्ण अवसर है। 30 वर्ष पूर्व स्थापित ये पुरस्कार, खादी एवं ग्रामोद्योग सहित सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम सेक्टर में विशिष्ट उपलब्धि प्राप्त करने वालों तथा इस सेक्टर के विकास को बढ़ावा देने के लिए बैंकों को म

आई एन एस वी महादेई के समारोहिक कार्यक्रम के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण

sph06013मैं, सबसे पहले भारतीय नौसेना और महादेई के कप्तान को, अकेले, बिना रुके, बाहरी सहायता रहित, पूरे विश्व की नौ परिक्रमा, सागर परिक्रमा-II के सफलतापूर्वक पूर्ण होने पर बधाई देता हूं। विश्व के कुछ सबसे जोखिम भरे महासागरों में अकेले, बिना सहायता के समुद्र में निरंतर 150 दिन से अधिक लम्बी समुद्री यात्रा करना एक असाधारण कार्य है। पहली बार एक भारतीय समुद्री यात्री की यह

केन्द्रीय जांच ब्यूरो द्वारा आयोजित 14वें डी.पी. कोहली स्मारक व्याख्यान के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण

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केन्द्रीय जांच ब्यूरो के स्वर्ण जयंती समारोह में आप सभी के बीच उपस्थित होना मेरे लिए वास्तव में सौभाग्य की बात है। मुझे स्वर्गीय धर्मनाथ प्रसाद कोहली, जो केन्द्रीय जांच ब्यूरो के दूरदर्शी संस्थापक निदेशक थे, के 14वें स्मारक व्याख्यान देने का अवसर प्राप्त करके विशेष रूप से प्रसन्नता हुई है।

भारत जल सप्ताह के उद्घाटन समारोह में भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण

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मुझे, जल संसाधन मंत्रालय द्वारा आयोजित किए जा रहे भारत जल सप्ताह-2013 के उद्घाटन के अवसर पर आपके बीच उपस्थित होने पर खुशी हुई है। इस गरिमामय सभा का हिस्सा बनना मेरे लिए सौभाग्य की बात है, जिसमें प्रख्यात हस्तियां, नीति निर्माता, विशेषज्ञ और पेशेवर शामिल हैं।

कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय द्वारा ‘आधुनिक विश्व की चुनौतियां : भारतविद्या के माध्यम से समाधान’ विषय पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी के उद्घाटन के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण

मुझे आज महाभारत और भगवद् गीता की इस भूमि में आकर बहुत प्रसन्नता हो रही है। मुझे ‘आधुनिक विश्व की चुनौतियां : भारतविद्या के माध्यम से समाधान’ विषय पर कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्घाटन करके विशेष खुशी हो रही है।

सरसरी तौर पर, यह विषय कुछ लोगों को अप्रासंगिक लग सकता है। परंतु यह आधुनिक समय के लिए अत्यंत महत्त्वपूर्ण है तथा यह आज की बहुत सी समस्याओं का समाधान सुझा सकता है। इसके अलावा विश्वविद्यालय आमतौर पर संगोष्ठी के लिए इतने जटिल तथा चुनौतीपूर्ण विषय का कम ही चयन करती है। मैं कुलपति तथा उनकी टीम को इस निर्णय के लिए बधाई देना चाहूंगा।

राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान के 10वें दीक्षांत समारोह के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण

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मुझे, राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, कुरुक्षेत्र के 10वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करने के लिए यहां आकर खुशी हो रही है। मैं उपाधि प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को उनके जीवन के इस यादगार दिन के लिए बधाई देता हूं। देश में इंजीनियरी की शिक्षा प्रदान करने के 50 वर्ष पूर्व करने पर मैं इस संस्थान को बधाई देता हूं।

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