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नागालैंड विश्वविद्यालय के तीसरे दीक्षांत समारोह के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण

Speech by the President of India, Shri Pranab Mukherjee at the Third Convocation of Nagaland Universityमुझे आज पूर्वोत्तर क्षेत्र में उच्च शिक्षा के एक उत्कृष्ट केंद्र नागालैंड विश्वविद्यालय के तीसरे दीक्षांत समारोह में उपस्थित होकर अत्यंत प्रसन्नता हो रही है। मेरा इस विश्वविद्यालय में उपस्थित होना सौभाग्य की बात है, जिसका शिलान्यास 1987 में हमारे पूर्व प्रधानमंत्री, स्व.

महाराजा अग्रसेन विश्वविद्यालय के उद्घाटन के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण

Speech by the President of India, Shri Pranab Mukherjee at the Inauguration of Maharaja Agrasen University1. मुझे महाराजा अग्रसेन विश्वविद्यालय के उद्घाटन के लिए आज यहां उपस्थित होकर अत्यंत प्रसन्नता हो रही है, जो महाराजा अग्रसेन तकनीकी शिक्षा सोसाइटी की संकल्पना, समर्पण और प्रयास का प्रतिफल है।

शिकागों में विश्वधर्म संसद में भाग लेने के लिए (1893) स्वामी विवेकानंद की मुंबई से पश्चिम की समुद्री यात्रा की 120वीं वर्षगांठ के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण

1. मुझे, आज की दोपहर यहां उपस्थित होकर अत्यंत प्रसन्नता हो रही है।

2. महान व्यक्तियों के जीवन में कुछ यात्राओं की परिणति उनके लिए और उनके लोगों के लिए रूपांतरकारी होती है। 120 वर्ष पूर्व स्वामी विवेकानंद की समुद्री यात्रा भी एक ऐसी ही यात्रा थी।

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