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भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का एकीकृत स्वास्थ्य समाधान के लिए यूनानी चिकित्सा में नवाचार - एक नई दिशा पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में संबोधन

भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का एकीकृत स्वास्थ्य समाधान के लिए यूनानी चिकित्सा में नवाचार - एक नई दिशा पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में संबोधन (HINDI)

यूनानी दिवस के अवसर पर यहां उपस्थित सभी प्रतिभागियों और आयोजकों को मैं बधाई देती हूं। अन्य देशों से यहां आए हुए प्रतिभागियों को मैं विशेष बधाई देती हूं। यूनानी पद्धति को योगदान देने वाले विशेषज्ञों को आज विशेष सम्मान दिया गया है, यह खुशी की बात है। यूनानी पद्धति से जुड़ी short-films तथा नए publica

कतर राष्ट्र के अमीर महामहिम शेख तमीम बिन हमद अल थानी के सम्मान में आयोजित भोज में भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का अभिभाषण

कतर राष्ट्र के अमीर महामहिम शेख तमीम बिन हमद अल थानी के सम्मान में आयोजित भोज में भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का अभिभाषण (HINDI)

कतर राष्ट्र के अमीर, महामहिम शेख तमीम बिन हमद अल थानी की भारत की दूसरी राजकीय यात्रा पर राष्ट्रपति भवन में उनका और उनके प्रतिनिधिमंडल का स्वागत करते हुए मुझे अत्यंत प्रसन्नता हो रही है।

महामहिम,

भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का पटना मेडिकल कॉलेज के शताब्दी समारोह में संबोधन

भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का पटना मेडिकल कॉलेज के शताब्दी समारोह में संबोधन

बिहार की इस पुण्यभूमि को मैं सादर नमन करती हूं। भारतीय अध्यात्म का केंद्र रही यह भूमि, माता सीता, भगवान महावीर और भगवान बुद्ध की पावन स्थली है। महात्मा गांधी ने भारत में अंग्रेजों के खिलाफ आंदोलन की प्रेरणा भी यहीं से ली। यही भूमि देश के प्रथम राष्ट्रपति आदरणीय डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद की जन्म-भूमि है। 

भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का श्री बागेश्वर जन सेवा समिति द्वारा आयोजित सामूहिक विवाह समारोह में संबोधन

आज महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर आयोजित इस सामूहिक विवाह समारोह में शामिल होकर मुझे हार्दिक प्रसन्नता हो रही है। हम सब के ऊपर देवाधिदेव महादेव की कृपा बनी रहे तथा हमारा देश और समाज प्रगति के पथ पर आगे बढ़े, यही मेरी प्रार्थना है।

यहां उपस्थित सभी नव-विवाहित दम्पतियों को मैं अपना आशीर्वाद देती हूं और उनके सुखमय वैवाहिक जीवन की कामना करती हूं। आपको परिणय सूत्र में बांधने और आपके जीवन में खुशी का यह अवसर उत्पन्न करने के लिए मैं, श्री धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जी और श्री बागेश्वर धाम जन सेवा समिति की सराहना करती हूं।

भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का राष्ट्रीय न्यायालयिक विज्ञान विश्वविद्यालय के तीसरे दीक्षांत समारोह में संबोधन

आज उपाधि प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों को मैं हृदय से बधाई देती हूं। पदक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों की मैं विशेष सराहना करती हूं। उच्च शिक्षा के लिए आपने Forensic Sciences का क्षेत्र चुना इसके लिए मैं आप सभी विद्यार्थियों और आपके अभिभावकों की प्रशंसा करती हूं।

प्यारे विद्यार्थियो,

आप सबने लीक से हटकर अपने शिक्षण और कार्यक्षेत्र का चयन किया है। इस क्षेत्र का महत्व निरंतर बढ़ रहा है।

भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का Visitor’s Conference के उद्घाटन सत्र में सम्बोधन

भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का Visitor’s Conference के उद्घाटन सत्र में सम्बोधन (HINDI)

Visitor’s Awards के सभी विजेताओं को मैं हार्दिक बधाई देती हूं। यह पुरस्कार Innovation, Research तथा Technology Development के क्षेत्रों में उनके असाधारण योगदान को मान्यता देने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मुझे आशा है कि हमारे देश में उच्च शिक्षा से जुड़े लोग इन क्षेत्रों में अनेक नए प्रतिमान स्थापित करेंगे।

भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का 8 th Visitor’s Conference के समापन सत्र में सम्बोधन

भारत के उच्च शिक्षण संस्थानों से जुड़े इस अत्यंत महत्वपूर्ण Conference के सफल आयोजन के लिए मैं शिक्षा मंत्री, श्री धर्मेंद्र प्रधान जी को, उनकी पूरी टीम को, सभी प्रतिभागियों को तथा आयोजन के लिए सक्रिय योगदान देने वाले राष्ट्रपति सचिवालय के सभी लोगों को बधाई देती हूं।

इस Conference के लिए चुने गए विषयों पर हुए विचार-मन्थन का सारांश सुनकर मैं कह सकती हूं कि उच्च-शिक्षा से जुड़े अत्यंत महत्वपूर्ण आयामों पर उपयोगी निष्कर्ष निकले हैं। इस समापन सत्र में संक्षिप्त प्रस्तुतियां करने वाले विशेषज्ञों तथा विस्तार से गहन विमर्श करने वाले उनकी टीमों के सभी सदस्यों की मैं सराहना करती हूं।

भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का विविधता का अमृत महोत्सव के दूसरे संस्करण के उद्घाटन के अवसर पर सम्बोधन

आज भारतीय संस्कृति की समृद्धि और विविधता के इस महोत्सव के दूसरे संस्करण के शुभारंभ के अवसर पर मैं आप सब को बधाई देती हूँ। यह हम सब के लिए प्रसन्नता का विषय है कि राष्ट्रपति भवन में देश के दक्षिणी राज्यों की समृद्ध परंपरा और सांस्कृतिक विरासत की झलक सब लोग देख पाएंगे। साथ ही उनके हस्त-शिल्प, हस्त-करघा, लोक-नृत्य, लोक-गीत, खान- पान तथा वहाँ के प्रतिभाशाली कलाकारों और कारीगरों को भी करीब से जानने का अवसर हम सभी को मिलेगा। मैं केन्द्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत जी और उनकी पूरी टीम की इस प्रयास में भागीदारी के लिए सराहना करती हूँ।

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