ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के चतुर्थ दीक्षांत समारोह के अवसर पर भारत के माननीय राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण
Shri Mohammed Hamid Ansari, Vice President & Chairman, Rajya Sabha,
Shri Mohammed Hamid Ansari, Vice President & Chairman, Rajya Sabha,
मुझे, आज महालेखा परीक्षकों के 26वें सम्मेलन के उद्घाटन के अवसर पर आपके बीच आकर बहुत प्रसन्नता हो रही है। राज्यों के महालेखा परीक्षक तथा केंद्र में उनके समकक्ष अधिकारी, ऐसे महत्त्वपूर्ण पदाधिकारी हैं जिन्हें सार्वजनिक वित्त की चौकसी का कार्य सौंपा गया है।
कर्नाटक विधानमंडल के इस प्रतिष्ठित निकाय को संबोधित करना मेरे लिए एक सम्मान और सौभाग्य है।
देवियो और सज्जनो,
मुझे, डॉ. चंद्रशेखर काम्बर को, जो कि कन्नड़ भाषा में इस प्रतिष्ठित राष्ट्रीय साहित्य पुरस्कार के प्राप्त करने वाले आठवें व्यक्ति हैं, 46वां भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार प्रदान करने के लिए यहां उपस्थित होकर बहुत प्रसन्नता हो रही है।
उत्तर प्रदेश के राज्यपाल, श्री बी.एल. जोशी और मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने जिस गर्मजोशी से मेरा स्वागत किया है, इसके लिए मैं उनको धन्यवाद देता हूं। उत्तर प्रदेश मेरे लिए कोई नई जगह नहीं है परंतु वर्तमान दायित्व ग्रहण करने के बाद यह उत्तर प्रदेश की मेरी पहली यात्रा है।
श्री एस. जयपाल रेड्डी, माननीय पैट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री,
श्री आर.पी.एन. सिंह, माननीय पैट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस राज्य मंत्री,
श्री जी.सी. चतुर्वेदी, सचिव, पैट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय,
श्री आर.एस. बुटोला, अध्यक्ष, इंडियन ऑयल,
His Majesty, King Juan Carlos I of Spain,
महामहिम स्पेन नरेश हुअन कर्लोस I,
श्री मनमोहन सिंह, भारत के प्रधानमंत्री,
स्पेन से पधारे विशिष्ठ अतिथिगण,
देवियो और सज्जनो,
मुझे, महामहिम नरेश हुअन कर्लोस का भारत की इस दूसरी यात्रा पर, हार्दिक स्वागत करते हुए बहुत प्रसन्नता हो रही है।