भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का राजस्थान विधान सभा में सम्बोधन
माण, सम्माण और बलिदान सू रंगी राजस्थान की धोरा री धरती रा निवासियां न घणी शुभकामनाएं।
माण, सम्माण और बलिदान सू रंगी राजस्थान की धोरा री धरती रा निवासियां न घणी शुभकामनाएं।
सबसे पहले मैं सभी देशवासियों की ओर से समस्त ‘वीर नारी’ बहनों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करती हूं। मुझे यह जानकर संतोष हुआ है कि वीर-नारी बहनों के कल्याण के लिए ‘आह्वान’ नामक योजना चलाई जा रही है। इसके लिए मैं ‘आवा’ की विशेष सराहना करती हूं।
मैं, विंध्यगिरी के जलावतरण के अवसर पर यहां आकर बहुत प्रसन्न हूं। यह आयोजन भारत की सामुद्रिक क्षमताओं के संवर्धन की दिशा में बढ़ाया गया एक कदम है। विंध्यगिरि स्वदेशी जलयान निर्माण के माध्यम से आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में भी बढ़ाया गया एक कदम है।
यह मेरे लिए हर्ष का विषय है कि आज मुझे डॉक्टर भीमराव आंबेडकर के नाम पर स्थापित बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में भाग लेने का अवसर प्राप्त हुआ है। मैं आज डिग्री,पुरस्कार और स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाले सभी छात्र-छात्राओं को बधाई देती हूं। मैं इस विश्वविद्यालय के स्वच्छ और हरित परिसर से बहुत प्रभा
महिलाओं की उपलब्धियों को मान्यता देने, सम्मानित करने और उसका उत्सव मनाने के इस कार्यक्रम में शामिल होकर मुझे हार्दिक प्रसन्नता हो रही है। मैं इस कार्यक्रम के आयोजन से जुड़े प्रत्येक व्यक्ति के अथक प्रयासों की प्रशंसा करती हूं। मैं इस आयोजन में भाग लेने वाली women achievers की सराहना करती हूँ, जिन्होंने यहाँ अपनी जीवन-कथा लोगों के साथ साझा की है।
सबसे पहले, मैं आप सभी को सिविल सेवा परीक्षा उत्तीर्ण करके भारतीय डाक सेवा में चयनित होने के लिए बधाई देती हूँ। मैं, आप सभी का राष्ट्रपति भवन में स्वागत करती हूं।
भारतीय वायु सेना प्रशिक्षु अधिकारियों की संयुक्त स्नातक परेड में यहां आकर मुझे बहुत प्रसन्नता हो रही है। मैं भारतीय वायु सेना की विभिन्न शाखाओं में कमीशन प्राप्त करने वाले सभी प्रशिक्षुओं को बधाई देती हूं। सभी पुरस्कार विजेताओं और चैंपियन स्क्वाड्रन को उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए मेरी विशेष बधाई। मैं, मित्र देशों के प्रशिक्षुओं को भी बधाई देती हूं। उनकी भागीदारी से हमारे देशों के बीच संबंध मजबूत हुए हैं।