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देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के वार्षिक दीक्षांत समारोह के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण

देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इंदौर के स्वर्ण जयंती वर्ष में मनाए जा रहे वार्षिक दीक्षांत समारोह के लिए आज यहां उपस्थित होना मेरे लिए प्रसन्नता की बात है। मैं उन सभी विद्यार्थियों को बधाई देता हूं जिन्होंने आज अपनी उपाधियां और पदक प्राप्त किए हैं।

1964 में इंदौर विश्वविद्यालय के रूप में स्थापित देवी अहिल्या विश्वविद्यालय हमें महान शासक देवी अहिल्याबाई होल्कर की याद दिलाता है जो मालवा की एक दयालू शासक थीं और आज भी उन्हें अत्यधिक सम्मान दिया जाता है। विश्वविद्यालय के साथ उनका नाम जुड़ने से विश्वविद्यालय पर उच्च शिक्षा को समाज सेवा के साथ मिलाने का भारी दायित्व आ गया है।

वर्ष 2011 के लिए कारीगरों और बुनकरों को राष्ट्रीय पुरस्कार, शिल्पगुरु पुरस्कार तथा संत कबीर पुरस्कार प्रदान किए जाने के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण

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श्री संतोष कुमार गंगवार, वस्त्र राज्य मंत्री

श्रीमती जोहरा चटर्जी, सचिव, वस्त्र मंत्रालय,

पुरस्कार विजेता और विशिष्ट प्रतिभागीगण,

विशिष्ट बुनकरों तथा कारीगरों को वर्ष 2011 के प्रतिष्ठित राष्ट्रीय पुरस्कार, शिल्प गुरु पुरस्कार तथा संत कबीर पुरस्कार प्रदान करने के लिए आपके बीच उपस्थित होना वास्तव में मेरे लिए प्रसन्नता का विषय है।

केन्द्रीय लोक निर्माण विभाग के 160वें वर्ष के उपलक्ष्य में आयोजित वार्षिक दिवस समारोह में भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी के अभिभाषण का सारांश

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1. मुझे, केन्द्रीय लोक निर्माण विभाग के एक सौ साठवें वर्ष के उपलक्ष्य में आयोजित वार्षिक दिवस समारोह में आपके बीच उपस्थित होकर प्रसन्नता हो रही है। मैं इस उल्लासपूर्ण अवसर पर, केन्द्रीय लोक निर्माण विभाग के इंजीनियरों, वास्तुकारों, तकनीकी और गैर तकनीकी कर्मचारियों और कामगारों को बधाई देता हूं।

गांधी शांति पुरस्कार 2013 प्रदान किए जाने के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण

speechमुझे हमारे समय के आजीवन गांधीवादी तथा समर्पित और आधुनिक दूरद्रष्टा पर्यावरणविद् श्री चण्डी प्रसाद भट्ट को 2013 का गांधी शांति पुरस्कार प्रदान करते हुए अपार प्रसन्नता हो रही है।

केरल केंद्रीय विश्वविद्यालय के प्रथम दीक्षांत समारोह के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण

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1. केरल केंद्रीय विश्वविद्यालय के प्रथम दीक्षांत समारोह में भाग लेने के लिए आज यहां आना मेरे लिए प्रसन्नता का अवसर है। मुझे कासरगोड़ में आकर खुशी हो रही है। यह मालाबार क्षेत्र में स्थित है जो बहुत सामाजिक-ऐतिहासिक महत्त्व का क्षेत्र है। यह मध्य युग के दौरान महत्त्वपूर्ण व्यापारिक केंद्र था जहां अरब तथा यूरोप के व्यापारी आते रहते थे। भारत की आजादी की लड़ाई के दौरान, इस क्षेत्र ने हमें पांजासी राजा, केरल गांधी के नाम से मशहूर केलप्पाजी तथा के.पी. केशवन जैसे स्वतंत्रता सेनानी दिए।

राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान तिरुचिरापल्ली के स्वर्ण जयंती समारोह के उद्घाटन के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति का अभिभाषण

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1. राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, तिरुचिरापल्ली के स्वर्ण जयंती समरोहों के उद्घाटन के अवसर पर आज यहां उपस्थित होना मेरे लिए सौभाग्य की बात है। मैं इस शानदार अवसर पर तकनीकी शिक्षा के इस उत्कृष्ट केन्द्र से जुड़े हर एक व्यक्ति को बधाई देता हूं।

अंतरराष्ट्रीय प्राकृतिक रेशा सम्मेलन के उद्घाटन पर भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण

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1.अंतरराष्ट्रीय प्राकृतिक रेशा सम्मेलन, जिसे राष्ट्रीय जूट और संबंधित रेशा प्रौद्योगिकी अनुसंधान के प्लेटिनम जुबली समारोह के स्थापना के अवसर पर आयोजित किया गया है, के उद्घाटन में आज की शाम भाग लेना मेरे लिए वास्तव में खुशी का मौका है। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का एक संस्था यह संस्थान जूट और संबंधित रेशा प्रौद्योगिकी के विकास के प्रति समर्पित है।

नालसर विधि विश्वविद्यालय के बारहवें वार्षिक दीक्षांत समारोह में भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण

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1.मुझे नालसर विधि विश्वविद्यालय,जो सोलह वर्ष की संक्षिप्त अवधि में हमारे देश की विधिक शिक्षा के एक अग्रणी केंद्र के रूप में उभरा है,के बारहवें दीक्षांत समारोह के लिए आज की शाम यहां उपस्थित होकर प्रसन्नता हुई है। इसके स्नातकों ने विधिक पेशे के लगभग सभी आयामों पर अपनी छाप छोड़ी है। उन्होंने अभियोजन,न्यायिक सेवाओं,अध्यापन,शोध,सामाजिक वकालत,अंतरराष्ट्रीय संगठनों तथा कारोबारी वकालत के क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है।

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