राष्ट्रीय पर्यटन पुरस्कार प्रदान करने के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण

मुझे, उन व्यक्तियों को सम्मानित करने के लिए यहां आकर बहुत प्रसन्नता हो रही है, जिन्होंने एक पर्यटन गंतव्य के रूप में भारत का प्रचार करने में असाधारण योगदान दिया है। आज हमारे पर्यटन उद्योग ने अपने व्यवसाय तथा सुविधाओं को प्रशंसनीय रूप से व्यापक कर दिया है। भारत ने पिछले वर्ष 6.65 मिलियन पर्यटकों का स्वागत किया। यह संख्या इससे पिछले वर्ष की संख्या के मुकाबले 5.4 प्





मैं, सबसे पहले भारतीय नौसेना और महादेई के कप्तान को, अकेले, बिना रुके, बाहरी सहायता रहित, पूरे विश्व की नौ परिक्रमा, सागर परिक्रमा-II के सफलतापूर्वक पूर्ण होने पर बधाई देता हूं। विश्व के कुछ सबसे जोखिम भरे महासागरों में अकेले, बिना सहायता के समुद्र में निरंतर 150 दिन से अधिक लम्बी समुद्री यात्रा करना एक असाधारण कार्य है। पहली बार एक भारतीय समुद्री यात्री की यह 
