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इंटरनेशनल फ्लीट रिव्यू 2016 में भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण

spबंगाल की खाड़ी के समुद्र में खड़े शानदार युद्धपोतों के सुंदर दृश्य को देखना वास्तव में मेरा सौभाग्य है। ड्रेसिंग लाइनों पर फहराती पताकाएं और ध्वज अपने पोतों का संचालन कर रहे प्रसन्नचित और गर्वित श्वेत वर्दीधारी पुरुषों का देखना वास्तव में सुखद है। आज यहां आप सभी के बीच उपस्थित होना तथा पोतों की इस आकर्षक अंतरराष्ट्रीय परेड का अवलोकन करना मेरा सौभाग्य है। विशाखपत्तनम के पूर्व

वर्ष 2015 के अशोक फैलो द्वारा भेंट के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण

sp1. मुझे वर्ष 2015के अशोक फैलो के इस युवा, उद्यमशील समूह से मिलकर प्रसन्नता हुई है। सर्वप्रथम,मैं आपको और ‘अशोक जन नवान्वेषक’के प्रतिनिधियों का राष्ट्रपति भवन में हार्दिक स्वागत करता हूं।

इन्फोसिस पुरस्कार 2015 प्रदान करने के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण

sp1. मैं प्रतिभाशाली लोगों के इस समूह के बीच उपस्थित होने में प्रसन्न हूं। मैं इन्फोसिस पुरस्कार के विजेताओं को मुबारकबाद देकर अपनी बात आरंभ करना चाहूंगा। उनका अनुसंधान एक विकसित,समर्थ और संधारणीय विश्व की नींव रख रहा है।

संसद के समक्ष भारत के राष्ट्रपति का अभिभाषण

माननीय सदस्यगण,

1. नवजीवन और विकास लाने वाले बसंत के इस मौसम में,संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में आपका स्वागत है। मुझे विश्वास है कि यहां पर होने वाली चर्चा उस भरोसे पर खरी उतरेगी,जो हमारे नागरिकों ने हमारे प्रति जताया है। इस पथ पर आगे बढ़ते हुए अपने गौरवशाली देश के विकास और प्रगति में हम सभी बराबर के भागीदार बनेंगे।

भारतीय दण्ड संहिता 1860 की155वीं वर्षगांठ के समापन समारोह में भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण

sp1. भारतीय दण्ड संहिता (आईपीसी) की 155वीं वर्षगांठ के समापन समारोह में भाग लेने पर मैं प्रसन्न हूं। सर्वप्रथम,मैं अभियोग निदेशालय, केरल को बधाई देता हूं जिसके तत्वावधान में यह समारोह मनाया जा रहा है।

मुजिरिस धरोहर परियोजना के उद्घाटन के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण

sp1. मुझे पर्यटन मंत्रालय,भारत सरकार के सहयोग से केरल सरकार के पर्यटन विभाग द्वारा कार्यान्वित की जा रही मुजिरिस धरोहर परियोजना का उद्घाटन करने के लिए आज कोडुंगलूर के इस ऐतिहासिक शहर में आकर प्रसन्नता हो रही है।

भारतीय डाक सेवा के परिवीक्षाधीनों, भारतीय दूरसंचार सेवा और डाक एवं दूरसंचार निर्माण कार्य सेवा के अधिकारियों से भेंट करने के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण

sp1. मैं आप सभी का ऐतिहासिक राष्ट्रपति भवन में स्वागत करता हूं। आपने अभी-अभी एक नये कैरियर में प्रवेश किया है जिसमें आपको छोटी उम्र में अपरिमित उत्तरदायित्वों को निभाने का अवसर मिलेगा। आप लोकसेवाओं के द्वारा देश और जनता की सेवा कर सकेंगे।

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