भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने राज्यपालों और उपराज्यपालों को नए वर्ष का संदेश दिया
मेरे प्रिय राज्यपाल और उपराज्यपालः
1.सर्वप्रथम मैं आपको नए वर्ष में पूर्ण शांति,समृद्धि और खुशहाली के लिए शुभकामनाएं और बधाई देता हूं।
भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने उड़ीसा मंच द्वारा आयोजित गैर रिहायशी उड़ीयाई सम्मेलन के उद्घाटन पर अभिभाषण
1. मेरे लिए उड़ीसा मंच और उड़ीसा सरकार द्वारा आयोजित प्रवासी उड़ीया सम्मेलन, 2017 में उपस्थित होना आनंददायक अवसर है। यह एक सराहनीय,प्रशंसनीय और तथाकथित उद्देश्य में प्रशंसनीय है।
प्रवासी भारतीय दिवस के चौदहवें आयोजन में समापन संबोधन और प्रवासी भारतीय सम्मान प्रदान करने के अवसर पर प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण
1. प्रवासी भारतीय सम्मेलन के समापन सत्र के अवसर पर आपके बीच उपस्थित होना वास्तव में मेरे लिए प्रसन्नतादायक है। 102 वर्ष पूर्व इसी ऐतिहासिक दिन अब तक के महानतम प्रवासी भारतीय महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रीका से भारत लौटे थे।
वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से उच्च शिक्षा संस्थानों के विद्यार्थियों और शिक्षकों तथा सिविल सेवा अकादमियों के अधिकारी प्रशिक्षणार्थियों को भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी का संबोधन
केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपतियो,
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानो, राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थानो,
भारतीय विज्ञान शिक्षा और अनुसंधान संस्थानों तथा अन्य शिक्षण संस्थाओं के निदेशको,
विभिन्न सिविल सेवा अकादमियों के अध्यक्षो,
संकाय सदस्यो,
सिविल सेवा के अधिकारी प्रशिक्षणार्थियो,
मेरे प्यारे विद्यार्थियो,
किनिया गणराज्य के महामहिम राष्ट्रपति, श्री उहरू केन्यत्ता के सम्मान में आयोजित राजभोज में भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण
महामहिम राष्ट्रपति उहुरू केन्यत्ता,
किनिया के माननीय मंत्रीगण,
विशिष्ट अतिथिगण,
नमस्कार!
हबारी या जियोनी!
राष्ट्रपति महोदय,
भारत में आपका स्वागत करते हुए हमें बहुत प्रसन्नता हो रही है।
संयुक्त अरब अमीरात के महामहिम शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान के सम्मान में आयोजित राजभोज में भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण
महामहिम शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान
महामहिमगण,
देवियो और सज्जनो,
मुझे महामहिम आपका और आपके महत्त्वपूर्ण शिष्टमंडल के सम्मानित सदस्यों का भारत आगमन पर स्वागत करके प्रसन्नता हुई है।
भारत के राष्ट्रपति द्वारा संसद के दोनों सदनों के सदस्यों को संबोधन
माननीय सदस्यगण,
1. नूतन और नवजीवन की प्रतीक इस बसंत ऋतु में , मैं संसद के दोनों सदनों के संयुक्त सत्र में आप सभी का स्वागत करता हूं। यह एक ऐतिहासिक संयुक्त सत्र है,जिसमें स्वतंत्र भारत में पहली बार बजट सत्र के निर्धारित समय को इस वर्ष आगे लाया गया है एवं आम बजट के साथ रेल बजट का विलय किया जा रहा है। हम एक ऐसे लोकतंत्र के उत्सव के लिए पुन: एकत्र हुए हैं,जिसके मूल्य और संस्कृति इस देश के लंबे इतिहास के हर दौर में फलते-फूलते रहे हैं। वास्तव में इसी संस्कृति ने मेरी सरकार को सबका साथ , सबका विकास की ओर प्रेरित किया है।
‘सतत सांस्कृतिक निर्माण का महत्व’ पर कोच्चि मुजीरिस द्विवार्षिक सेमिनार के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी का संबोधन
1. कोच्चि मुजीरिस द्विवार्षिक के अद्यतन कार्यक्रम पर आज कोच्चि में आने पर मुझे प्रसन्नता हो रही है।