भारत के राष्ट्रपति द्वारा संसद के दोनों सदनों के सदस्यों को संबोधन
माननीय सदस्यगण,
1. नूतन और नवजीवन की प्रतीक इस बसंत ऋतु में , मैं संसद के दोनों सदनों के संयुक्त सत्र में आप सभी का स्वागत करता हूं। यह एक ऐतिहासिक संयुक्त सत्र है,जिसमें स्वतंत्र भारत में पहली बार बजट सत्र के निर्धारित समय को इस वर्ष आगे लाया गया है एवं आम बजट के साथ रेल बजट का विलय किया जा रहा है। हम एक ऐसे लोकतंत्र के उत्सव के लिए पुन: एकत्र हुए हैं,जिसके मूल्य और संस्कृति इस देश के लंबे इतिहास के हर दौर में फलते-फूलते रहे हैं। वास्तव में इसी संस्कृति ने मेरी सरकार को सबका साथ , सबका विकास की ओर प्रेरित किया है।
‘सतत सांस्कृतिक निर्माण का महत्व’ पर कोच्चि मुजीरिस द्विवार्षिक सेमिनार के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी का संबोधन
1. कोच्चि मुजीरिस द्विवार्षिक के अद्यतन कार्यक्रम पर आज कोच्चि में आने पर मुझे प्रसन्नता हो रही है।
छठे के.एस. राजामणी स्मृति व्याख्यान के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण
प्रख्यात अधिवक्ता और केरल लोकजन जांच आयोग के पूर्व सदस्य, श्री के.एस. राजामोनी के सम्मान में आयोजित छठा स्मृति व्याख्यान देने के लिए केरल आकर प्रसन्नता हुई है।
समावेशी नवान्वेष पर गोलमेज के प्रतिवेदन सारांश पर भारत के राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण
शुभ संध्या, देवियो और सज्जनो,
नवान्वेषण उत्सव 2017 के दौरान पिच@ राष्ट्रपति भवन के समापन सत्र में भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण
मुझे पिच@ राष्ट्रपति भवन के समापन सत्र में आपके साथ मिलकर और स्टार्ट अप प्रणाली के उद्यमियों,निवेशकों, उद्योग सदस्यों,स्टार्ट अप और अन्य सहायकों को संबोधित करते हुए प्रसन्नता हो रही है। मुझे युवा और नवान्वेषी प्रतिभाओं,जो अधिक अनुभवी नहीं होंगे परंतु जिनमें सफलता प्राप्त करने का उत्साह है,के इस समूह को देखकर हर्ष हो रहा है।
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर नारी शक्ति पुरस्कार प्रदान करते समय भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण
1. अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर आपके बीच आने में मैं सचमुच बहुत खुश हूं। हम रोजमर्रा के जीवन में भारत में महिलाओं को मान्यता देते हैं, याद करते हैं और उनकी सराहना करते हैं। आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर महिलाओं को - पूरे विश्व की महिलाओं को उनकी निःस्वार्थ सेवा के लिए विश्व के साथ आभार प्रकट करते हैं।