केन्या के राष्ट्रपति, डॉ. विलियम रुटो के सम्मान में आयोजित भोज में भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का अभिभाषण (HINDI)

आज भारत की पहली राजकीय यात्रा पर, महामहिम डॉ. विलियम रुटो का हार्दिक स्वागत करते हुए मुझे बहुत खुशी हो रही है।
आज भारत की पहली राजकीय यात्रा पर, महामहिम डॉ. विलियम रुटो का हार्दिक स्वागत करते हुए मुझे बहुत खुशी हो रही है।
अद्य श्रीलालबहादुरशास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालयस्य दीक्षान्त समारोहे उपस्थिता अहम् नितराम् प्रसीदामि।
आज का यह दिन पूरे विश्व के दिव्यांग-जन के साथ-साथ समस्त विश्व समुदाय के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। आज विश्व की कुल आबादी में लगभग 15 प्रतिशत दिव्यांग-जन हैं। उन सब का सशक्तीकरण भारत सहित पूरे विश्व समुदाय के लिए उच्च प्राथमिकता है। इस संदर्भ में यह पुरस्कार समारोह अत्यंत महत्वपूर्ण है। मैं देशवासियों की ओर से आज के
आज आप सब को संबोधित करते हुए मुझे हार्दिक प्रसन्नता हो रही है। इस विश्वविद्यालय के पूर्व दीक्षांत समारोहों की गरिमा बढ़ाने वाले व्यक्तित्व में डॉक्टर एस. राधाकृष्णन, डॉक्टर सी. वी. रमन, श्री श्यामा प्रसाद मुखर्जी, श्री सच्चिदानंद सिन्हा, श्री सी.
इस महत्वपूर्ण अवसर पर आप सब के बीच उपस्थित होकर मुझे हार्दिक प्रसन्नता हो रही है। यह प्रतिष्ठित संस्थान पिछले 75 वर्षों से healthcare, education और research में अपना बहुमूल्य योगदान दे रहा है। इसके लिए मैं सभी पूर्व और वर्तमान शिक्षकों, विद्यार्थियों और कर्मचारियों की सराहना करती हूँ। इस अवसर पर, मैं इस कॉलेज की स्थापना में योगदान देने वाले लेफ्टिनेंट कर्नल ए. एन. बोस, डॉक्टर जीवराज मेहता, कर्नल के. वी. कुकड़े जैसी विभूतियों का भी सादर स्मरण करती हूँ।
Armed Forces Medical College को उसके 75 वर्ष पूर्ण होने पर President’s Colour प्रदान करते हुए मुझे हार्दिक प्रसन्नता हो रही है। इस महाविद्यालय ने medical education के उच्चतम स्तर के संस्थान के रूप में प्रतिष्ठा अर्जित की है। राष्ट्र की निरंतर सेवा करने के लिए, मैं इस संस्थान के सभी पूर्व और वर्तमान अधिक
राष्ट्रीय रक्षा Academy के 145वें कोर्स के passing out parade के इस समारोह में भाग लेकर मुझे अत्यंत हर्ष का अनुभव हो रहा है। आज इन युवा cadets को देखकर मेरा हृदय गर्व से भर गया है। Cadets का उत्कृष्ट और अनुशासित drill बहुत ही सराहनीय और गौरवान्वित करने वाला है। मैं आज pass out हो रहे सभी cadets को उनके शानदार para
अत्यंत सम्मानित स्वामी कुवलयानन्द जी द्वारा स्थापित ‘कैवल्य धाम’, लोनावला के शताब्दी समारोहों के शुभारंभ के इस अवसर पर आप सब के बीच उपस्थित होकर मुझे बहुत प्रसन्नता का अनुभव हो रहा है। Integration of Yoga in School Education System के महत्वपूर्ण विषय पर राष्ट्रीय सम्मेलन के साथ शताब्दी समारोहों की शुरुआत करने के आप के संस्थान के निर्ण
I am indeed happy to be here to attend the first regional conference on access to legal aid. I believe that making legal aid accessible to people in need is the cornerstone of any modern state.
I am happy to be here among you on the Constitution Day, an occasion of great national importance. Today, we commemorate the day the Constitution was adopted by the Constituent Assembly of India in 1949, after close to three years of brainstorming.