भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का FOOTWEAR DESIGN & DEVELOPMENT INSTITUTE के दीक्षांत समारोह में संबोधन (HINDI)
: 01.12.2025
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Footwear Design & Development Institute के दीक्षांत समारोह में आकर मुझे प्रसन्नता हो रही है। आज उपाधि प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों को मैं बधाई देती हूं। विद्यार्थियों की इस सफलता में योगदान के लिए मैं उनके शिक्षकों तथा अभिभावकों की सराहना करती हूं।
मुझे यह जानकर प्रसन्नता हुई है कि FDDI ने अपने योगदान के 40 वर्ष पूरे कर लिए हैं। इन चार दशकों में विश्व में जितने परिवर्तन हुए हैं उतने मानवता के इतिहास के किसी अन्य कालखंड में शायद ही हुए हों। तेज गति से हो रहे बदलाव के इस कालखंड में अपनी प्रासंगिकता और सार्थकता बनाए रखना किसी भी संस्थान के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। इस उपलब्धि के लिए मैं FDDI की स्थापना से लेकर आज तक इस संस्थान से जुड़े सभी व्यक्तियों की मैं सराहना करती हूं।
मुझे बताया गया है कि वर्ष 2017 में इस संस्थान को Institution of National Importance का दर्जा प्रदान किया गया है। मैं समझती हूं कि राष्ट्रीय महत्व के इस संस्थान की उपयोगिता को बढ़ाने में यहां से कुशलता प्राप्त करने वाले पूर्व विद्यार्थियों का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा है। मैं आशा करती हूं कि आज उपाधि प्राप्त करने वाले विद्यार्थी उन पूर्व विद्यार्थियों की सफलता से प्रेरणा लेकर जीवन में आगे बढ़ेंगे।
प्रिय विद्यार्थियो,
आप सबने एक ऐसे समय में अपनी उपाधि प्राप्त की है जब भारत विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थ-व्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। आज भारत अपनी आर्थिक आत्मनिर्भरता बढ़ाने के साथ-साथ विश्व के आर्थिक पटल पर अपनी आर्थिक भूमिका को और अधिक विस्तार देने के लिए सक्षम हो रहा है।
मुझे बताया गया है कि footwear production और consumption में, संख्या की दृष्टि से, भारत का विश्व में दूसरा स्थान है। वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान भारत का footwear export, 2500 million US dollars से कुछ अधिक था। हमारे footwear imports लगभग 680 million dollars के थे। इस प्रकार, भारत का footwear export, import की तुलना में लगभग चार गुना है। भारत, विश्व में, footwear का प्रमुख निर्यातक देश है। लेकिन, हमारे निर्यात को और अधिक बढ़ाने की दृष्टि से footwear business को और अधिक विस्तार देना है। इस पृष्ठभूमि में आप सभी विद्यार्थियों के लिए स्वयं उद्यमी बनकर रोजगार सृजन करने के अथवा उद्यमों में रोजगार पाने के अवसर बढ़ेंगे।
मुझे बताया गया है कि भारत का पारंपरिक leather footwear के क्षेत्र में प्रमुख स्थान है। परंतु, तेजी से बढ़ने वाले sports और non-leather footwear के क्षेत्र में प्रगति की काफी संभावना है। नीति आयोग के अनुसार footwear sector में, देश में उपलब्ध क्षमता के अनुरूप विकास करने की आवश्यकता है।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के Department for Promotion of Industry and Internal Trade द्वारा footwear क्षेत्र को ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान के तहत Champion Sector का दर्जा दिया गया है। इस प्रकार, footwear sector में निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए eco- system और incentives उपलब्ध कराए जा रहे हैं। ऐसे प्रगतिशील निर्णयों को कार्यरूप देने के लिए मैं वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री, श्री पीयूष गोयल जी और उनकी पूरी टीम की सराहना करती हूं।
आज FDDI और University of Northampton के बीच Memorandum of Understanding के सम्पन्न होने से मुझे बहुत प्रसन्नता हुई है। यह भारत और United Kingdom के बीच Free Trade Agreement के तहत दोनों देशों के पारस्परिक सहयोग की गहराई का एक और आयाम है। इस समझौता ज्ञापन में sustainable materials तथा circular economy practices को विशेष महत्व देने की मैं सराहना करती हूं। ऐसे प्रयास, पर्यावरण संरक्षण के प्रति दोनों देशों की प्रतिबद्धता को व्यक्त करते हैं।
प्रिय विद्यार्थियो,
भावना और परंपरा से जुड़ा एक उल्लेख footwear industry से जुड़े लोगों के लिए विशेष प्रासंगिक है। हमारी परंपरा में footwear को उच्चतम स्थान दिया गया है। प्रभु श्रीराम के चौदह वर्षों के वनवास के दौरान उनकी चरण- पादुका ही राज-सिंहासन पर सुशोभित रही। ऐसे प्रतीक बहुत सारगर्भित होते हैं।
Footwear design आप सबका कार्य-क्षेत्र होगा। आप सबके इस कार्यक्षेत्र के अनेक महत्वपूर्ण आयाम हैं। आप सब इस व्यापक सोच के साथ अपने कार्यक्षेत्र में आगे बढ़ें कि आप सब, अपने कार्य से समाज और देश को बहुआयामी योगदान देंगे। महात्मा गांधी ने स्वदेशी अपनाने का आह्वान किया था। स्वतन्त्रता सेनानी मधुसूदन दास ने उत्कल टेनरी की स्थापना की थी जिसमें बहुत सारे युवा काम करते थे। मधुसूदन दास जी किसी भी उत्पाद में कमी होने पर उसे फेंक देते थे। उनका मानना था कि उन उत्पादों से केवल आर्थिक लाभ नहीं देखना चाहिए, बल्कि ओड़िशा और भारत की गरिमा भी बढ़नी चाहिए।
- आप सब, footwear design के माध्यम से उन्हें पहनने वाले लोगों के स्वास्थ्य और कार्यक्षमता को बेहतर बनाएंगे।
- आप सब, अपने कार्य से, लोगों के लिए रोजगार पैदा करेंगे।
- आप सब, अपने कार्य से, ऐसे लोगों को आर्थिक विकास में भागीदार बनाएंगे जो देश और समाज की विकास-यात्रा में अपेक्षाकृत पीछे रह गए हैं।
- आप सब, अनेक देशों में भारत के निर्यात को योगदान देकर, हमारी अर्थ-व्यवस्था को मजबूत बनाएंगे।
- आप सब, अपने गुणवत्ता-युक्त उत्पादों के बल पर विश्व-बाजार में भारत के brand-ambassadors बनेंगे।
- आप सब, ‘आत्मनिर्भर भारत’ के राष्ट्रीय लक्ष्य को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण योगदान देंगे।
प्रिय विद्यार्थियो,
निष्ठा और नैतिकता के जीवन-मूल्य, प्रत्येक कार्य-क्षेत्र में, व्यक्ति को विशेष प्रतिष्ठा प्रदान करते हैं। मैं आशा करती हूं कि आप सब अच्छे संस्कारों और जीवन-मूल्यों का विश्व-स्तरीय कौशल के साथ समन्वय करेंगे। आपकी पीढ़ी अमृत-काल के दौरान विकसित भारत का निर्माण करने में प्रमुख भूमिका निभाएगी। मुझे विश्वास है कि आप सभी विद्यार्थी अपनी प्रगति, समाज की प्रगति और देश की प्रगति पर दृष्टि केन्द्रित रखते हुए जीवन में निरंतर आगे बढ़ते रहेंगे। मैं आप सबके स्वर्णिम भविष्य के लिए हृदय से आशीर्वाद देती हूं।
धन्यवाद!
जय हिंद!
जय भारत!
