भारत की माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय पुलिस अकादमी (लबासना) में 127वां प्रवेश प्रशिक्षण कार्यक्रम कर रहे राज्य सिविल सेवाओं के अधिकारियों द्वारा मुलाकात के अवसर पर संबोधन

राष्ट्रपति भवन : 03.06.2025

डाउनलोड : भाषण भारत की माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय पुलिस अकादमी (लबासना) में 127वां प्रवेश प्रशिक्षण कार्यक्रम कर रहे राज्य सिविल सेवाओं के अधिकारियों द्वारा मुलाकात के अवसर पर  संबोधन(हिन्दी, 518.36 किलोबाइट)

ADDRESS BY THE HON’BLE PRESIDENT OF INDIA  SMT. DROUPADI MURMU  ON THE OCCASION CALL ON BY STATE CIVIL SERVICES OFFICERS ATTENDING THE 127TH INDUCTION TRAINING  PROGRAMME AT LBSNAA

भारतीय प्रशासनिक सेवा के प्रिय अधिकारियो,

आपकी पदोन्नति और भारतीय प्रशासनिक सेवा में शामिल होना आप सब के कैरियर का एक बहुत ही महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।

भारतीय प्रशासनिक सेवा में आपकी पदोन्नति एक परिवर्तन का सूचक है अर्थात आपकी भूमिका और आपकी मानसिकता में परिवर्तन। इस उन्नति के साथ-साथ आपकी जिम्मेदारी का दायरा और व्यापक हो जाता है, और यह उम्मीद की जाती है कि आपके विचार और कार्य राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य के अनुसार हों। लबासना में आपके द्वारा किए गए प्रशिक्षण से आप अखिल भारतीय दृष्टिकोण विकसित करने और सहयोगी दृष्टिकोण रखते हुए शासन के समक्ष आने वाली चुनौतियों का विश्लेषण करने में और सक्षम बने होंगे।

राज्य सिविल सेवाओं के अधिकारियों के रूप में आपके कार्य राज्य सिविल सेवाओं के अधिकारियों के रूप में राज्य-विशेष प्राथमिकताओं पर आधारित रहे। आप सब ने जमीनी स्तर पर लोगों की भलाई की है और विकास में सहायक रहे हैं, आपने ऐसे मामलों को देखा है जो स्थानीय समुदायों को सीधे प्रभावित करते थे। अब भी आप ऐसे मामलों को देखेंगे, लेकिन आपकी भूमिका और जिम्मेदारियों का क्षेत्र आगे चलकर और अधिक बढ़ जाएगा । अब आपके प्रशासन का क्षेत्र अब केवल एक क्षेत्र तक सीमित नहीं रहेगा बल्कि आप सबको राष्ट्रीय स्तर पर शासन के मानकों का पालन करना होगा । आपका कार्य 2047 तक विकसित भारत के व्यापक दृष्टिकोण के अनुरूप होना चाहिए।

प्रिय अधिकारीगण,

आप लगभग दो दशकों से अपने-अपने राज्यों में प्रशासन का कार्य देख रहे हैं। मुझे विश्वास है कि इस दीर्घ अवधि के दौरान, आपने शासन चलाने की पर्याप्त जानकारी हासिल कर ली होगी और तकनीकें सीख ली होंगी, जिन्हें आप आईएएस अधिकारी के रूप में अपनी भूमिका के दौरान अपना सकते हैं। राज्य प्रशासन के दौरान प्राप्त किया गया अनुभव लोगों की जमीनी स्तर की जरूरतों और मांगों के अनुसार नीतिगत निर्णय लेने और उन्हें लागू करने में योगदान देगा।

समावेशी विकास में आप सबका योगदान महत्वपूर्ण रहेगा। आपके प्रयासों में विशेष रूप से यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि हाशिए पर पड़े और कमजोर वर्ग भारत के विकसित राष्ट्र बनने की यात्रा में पीछे न छूट जाएं। जब गरीब और वंचित लोगों तक विकास और समृद्धि पहुंचेगी, तभी हम विकसित राष्ट्र के लक्ष्य को साकार कर पाएंगे।

एक और क्षेत्र है, जहां मैं चाहूंगी कि आप प्रतिबद्ध होकर कार्य करें, वह है स्थिरता और पर्यावरण अनुकूलता का क्षेत्र। आपको हमेशा यह देखना है कि आपके कार्यों का पर्यावरण पर क्या प्रभाव पड़ रहा है। हम सब की यह जिम्मेदारी है कि हम अपनी आने वाली पीढ़ियों को एक साफ-सुथरी और सुरक्षित धरा प्रदान करें। मुझे विश्वास है कि आप ऐसा सुनिश्चित करने की दिशा में कार्य करेंगे।

प्रिय अधिकारियो,

आप ​​अपना कार्य करते समय जो लक्ष्य निर्धारित करते हैं, उन्हें प्राप्त करने से जुड़े आपके कार्यों में प्रौद्योगिकी और नवाचार बहुत बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। सेवा वितरण में सुधार से लेकर डेटा-संचालित निर्णय लेने तक डिजिटल उपकरण कुशल, पारदर्शी और नागरिक-अनुकूल शासन प्रणाली तैयार करने में मदद करते हैं। यह आवश्यक है कि आप एआई, ई-गवर्नेंस और डिजिटल फीडबैक तंत्र में नवाचारों को अपनाएं ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि सरकारी योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचें।

साथ ही, आप सब को भारतीय प्रशासनिक सेवा को परिभाषित करने वाले मूलभूत मूल्यों को सदा याद रखना है। आप अपने आचरण में ईमानदारी बनाए रखें, अपने कार्यों में पारदर्शिता सुनिश्चित करते चलें और जवाबदेही बनाए रखें। आपको समानुभूति, न्याय और निष्पक्षता के साथ अपने अधिकार का उपयोग करना चाहिए। आप सब से अपेक्षा की जाती है कि आप नेतृत्व-क्षमता के उदाहरण स्थापित करें और लोक सेवा के मूल्यों अपनाएं।

मैं यह भी कहना चाहूंगी कि आप सब अपने शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य के बारे में जागरूक रहें। यदि आप हर प्रकार से स्वस्थ रहेंगे तो आप किसी भी प्रकार की स्थिति में देश को अपना सर्वश्रेष्ठ दे पाएंगे। मैं आप सभी के उज्ज्वल भविष्य की कामना करती हूँ।

धन्यवाद!
जय हिंद!

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