भारतीय सांख्यिकी सेवा, भारतीय कौशल विकास सेवा और केंद्रीय इंजीनियरिंग सेवा के परिवीक्षाधीन अधिकारियों ने राष्ट्रपति से मुलाकात की

लगन और निष्ठा से सेवा करें और ऐसे राष्ट्र के निर्माण में योगदान दें जो अधिक समृद्ध, स्थिति-स्थापक और समावेशी हो: राष्ट्रपति मुर्मु ने अधिकारियों से कहा

राष्ट्रपति भवन : 29.09.2025

भारतीय सांख्यिकी सेवा, भारतीय कौशल विकास सेवा और केंद्रीय इंजीनियरिंग सेवा के परिवीक्षाधीन अधिकारियों ने आज 29 सितंबर, 2025 को राष्ट्रपति भवन में भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु से मुलाकात की।

भारतीय सांख्यिकी सेवा के अधिकारियों को संबोधित करते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि दृढ़ नीति निर्माण और उसका कार्यान्वयन सटीक सांख्यिकीय विश्लेषण पर निर्भर है। उन्होंने कहा कि आज के डेटा-प्रधान विश्व में, सांख्यिकी की प्रासंगिकता और अधिक हो जाती है। उन्होंने आधिकारिक आंकड़ों के संकलन और विश्लेषण में सांख्यिकी अधिकारियों के रूप में अधिकारियों की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने आगे कहा कि उनके कार्य में सांख्यिकीय विधियों की पूरी जानकारी होना जरूरी है, जिसका प्रयोग उन्हें देश की बढ़ती डेटा और सूचना आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए करना होता है।

भारतीय कौशल विकास सेवा (आईएसडीएस) के अधिकारियों को संबोधित करते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि देश के आर्थिक विकास और सामाजिक प्रगति के लिए कौशल और ज्ञान होना बहुत आवश्यक हैं। जिन देशों के पास उच्च कुशल कार्यबल होता है, वे दुनिया के सामने आने वाली चुनौतियों का सामना करने में सक्षम होते हैं और विकास के विभिन्न क्षेत्रों में प्राप्त होने वाले अवसरों का बेहतर तरीके से लाभ उठा पाते हैं। जैसे-जैसे भारत प्रौद्योगिकी-संचालित विकास पथ पर आगे बढ़ रहा है, यह आवश्यक है कि हमारे युवाओं के पास उन्नत तकनीकी कौशल हों और वे उन्हें अपनाएँ भी। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि युवा आईएसडीएस अधिकारी विशिष्ट कौशल प्रशासक बनेंगे और एक बलशाली और भविष्य के लिए तैयार कार्यबल का स्वरूप निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

केंद्रीय इंजीनियरिंग सेवा के अधिकारियों को संबोधित करते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि इंजीनियरों की देश की तकनीकी प्रगति और आर्थिक विकास को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका होती है। सरकार बड़े पैमाने पर बुनियादी ढाँचे के विकास पर ध्यान दे रही है और इससे इंजीनियरिंग क्षेत्र में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। उन्होंने केंद्रीय लोक निर्माण विभाग जैसे संगठनों से इन पहलों को सुदृढ़ तकनीकी आधार प्रदान करने के लिए कहा। उन्होंने यह भी कहा कि विकास सतत होना चाहिए।

उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि सीपीडब्ल्यूडी पर्यावरण-अनुकूल कदम उठा रहा है। राष्ट्रपति ने अधिकारियों से कहा कि वे नीति को लागू करने के साथ-साथ प्रभावी फीडबैक प्राप्त करके नीति निर्माण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है। उन्हें सेवा और सबके विकास, विशेषकर कमजोर और हाशिए पर पड़े वर्गों के विकास के प्रति प्रतिबद्ध रहते हुए देश के विकास को गति प्रदान करनी है। उन्होंने अधिकारियों से आगे कहा कि लगन और निष्ठा से सेवा करें और ऐसे राष्ट्र के निर्माण में योगदान दें जो अधिक समृद्ध, स्थिति-स्थापक और समावेशी हो। अपने निष्ठापूर्वक प्रयासों से भारत को दुनिया के सामने शक्ति और प्रगति का एक आदर्श बनाना है।

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