बोत्सवाना ने भारत को प्रोजेक्ट चीता के अगले चरण में आठ चीते उपहार में दिए, राष्ट्रपति के सामने मोकोलोडी नेचर रिजर्व में चीते छोड़े गए
बोत्सवाना के उप राष्ट्रपति और अंतर्राष्ट्रीय संबंध मंत्री ने राष्ट्रपति से मुलाकात की
भारत की राष्ट्रपति ने भारतीय समुदाय के सदस्यों को संबोधित किया
बोत्सवाना की प्रगति में योगदान देते रहें और साथ ही भारत से अपने संबंध को सशक्त बनाए रखें: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने बोत्सवाना में भारतीय समुदाय से कहा
राष्ट्रपति भवन : 13.11.2025
भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने बोत्सवाना के राष्ट्रपति महामहिम एडवोकेट डूमा गिडियन बोको के साथ आज सुबह 13 नवंबर, 2025 को बोत्सवाना के मोकोलोडी नेचर रिजर्व का दौरा किया। दोनों नेताओं के सामने भारत और बोत्सवाना के विशेषज्ञों द्वारा घांजी क्षेत्र से पकड़े गए चीतों को क्वारंटाइन केंद्र में छोड़ा गया। यह कार्यक्रम प्रोजेक्ट चीता के तहत बोत्सवाना द्वारा भारत को आठ चीतों को उपहार स्वरूप देने का प्रतीकात्मक रूप था। यह आयोजन वन्यजीव संरक्षण में भारत-बोत्सवाना सहयोग में एक नए अध्याय की महत्वपूर्ण शुरुआत है।
बाद में, अलग-अलग बैठकों में, बोत्सवाना के माननीय उप राष्ट्रपति नदाबा नकोसिंथी गौलाथे और अंतर्राष्ट्रीय संबंध मंत्री डॉ. फेन्यो बुटाले ने राष्ट्रपति से मुलाकात की।
नई दिल्ली रवाना होने से पहले, राष्ट्रपति ने बोत्सवाना में भारत के उच्चायुक्त द्वारा गैबोरोन में आयोजित अभिनंदन समारोह में भारतीय समुदाय को संबोधित किया। इस अवसर पर उनके साथ जल शक्ति एवं रेल राज्य मंत्री श्री वी. सोमन्ना और संसद सदस्य श्री प्रभुभाई नागरभाई वसावा और श्रीमती डी. के. अरुणा भी उपस्थित थे।
उत्साही भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि भारत की जनता उनके योगदान पर गर्व करती है। वे भारत के सच्चे सांस्कृतिक दूत हैं, जो परिश्रम, ईमानदारी, और सौहार्द जैसे मूल्यों का प्रतिनिधित्व करते हैं - जो भारत और बोत्सवाना दोनों की पहचान हैं। उन्होंने भारतीयों से बोत्सवाना की प्रगति में योगदान देते रहने और साथ ही भारत से अपने संबंध को सशक्त बनाए रखने के लिए कहा। उन्होंने उन्हें ओसीआई योजना और प्रवासी भारतीय दिवस जैसी पहलों का लाभ उठाने और अपने अनुभव से भारत के विकास में भी भागीदार बनने के लिए प्रोत्साहित किया।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत और बोत्सवाना के बीच संबंध विश्वास, सम्मान और साझा लोकतांत्रिक मूल्यों पर आधारित हैं। उन्होंने उपस्थित लोगों को बताया कि बोत्सवाना के राष्ट्रपति बोको के साथ उनकी चर्चा के दौरान, उन्होंने यह तय किया कि भारत और बोत्सवाना व्यापार, शिक्षा, स्वास्थ्य, डिजिटल टेक्नोलोजी, कृषि और नवीकरणीय ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में और अधिक सहयोग करेंगे।
राष्ट्रपति के दो अफ्रीकी देश अंगोला और बोत्सवाना की सफल यात्रा के बाद 14 नवंबर की सुबह नई दिल्ली पहुँचेंगी।
